“अंग्रेजी मैय्या, अंग्रेजी वाणई
शूद्रों को उत्कर्ष करने वाली
पूरे स्नेह से।
अंग्रेजी मैया, अब नहीं है मुगलाई
और नहीं बची है अब
पेशवाई, मूर्खशाही।
अंग्रेजी मैया, देती सच्चा ज्ञान
शूद्रों को देती है जीवन
वह तो प्रेम से।
अंग्रेजी मैया, शूद्रों को पिलाती है दूध
पालती पोसती है
माँ की ममता से।
अंग्रेजी मैया,तूने तोड़ डाली
जंजीर पशुता की
और दी है मानवता की भेंट
सारे शूद्र लोक को।
स्वाबलंबनका हो उद्यम, प्रवृत्ति
ज्ञान-धन का संचय करो
मेहनत करके।
बिना विद्या जीवनव्यर्थ पशु जैसा
निठल्ले ना बैठे रहो
करो विद्या ग्रहण।
शूद्र-अतिशूद्रों के दुख दूर करने के लिए
मिला है कीमती अवसर
अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने का।
अंग्रेजी पढ़कर जातिभेद की
दीवारें तोड़ डालो
फेक दो भट-ब्राह्मणों के
षड्यंत्री शास्त्र-पुराणों को।
~ सावित्री बाई फुले, काव्यफूल