पत्थर को सिंदूर लगाकर
और तेल में डुबोकर
जिसे समझा जाता है देवता
वह असल में होता है पत्थर।
यदि पत्थर पूजने से होते बच्चे
तो फिर नाहक
नर-नारी शादी क्यों रचाते?
~ सावित्री बाई फुले, काव्यफूल
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